सोमवार, 1 अगस्त 2011

उस क्यों भूला |


उस क्यों भूला

जो सदा सहाइ,

उस क्यों भूला

जो पित, माता, भाई,

उस क्यों भूला

जो सदा ही देता,

उस क्यों भूला

जो कुछ ना लेता |



उस क्यों भूला

जो प्राण आधारा,

उस क्यों भूला

जो संग सहारा.

उस क्यों भूला

जो हर पल साथा,

उस क्यों भूला

जो अंग अंग व्यापा |



उस क्यों भूला

जिन गर्भ में पाला,

उस क्यों भूला

जिन जीवन डाला,

उस क्यों भूला

जो हृदय में धड़के,

उस क्यों भूला

जो नयन में फड़के |



उस क्यों भूला

जो जगत का स्वामी,

उस क्यों भूला

जो अंतर्यामी,

उस क्यों भूला

जो घट घट व्यापे,

उस क्यों भूला

जो दुर्गुण ढापे |



उस क्यों भूला

जो पल पल पाले,

उस क्यों भूला

जो सदा दयाले,

उस क्यों भूला

जो अगम, अगोचर,

उस क्यों भूला

जो सखा , सहोदर |



राजीव जायसवाल

०८/०४/२०११

जो दुख भंजन, प्राण आधारा

ते सिमरो मन, बारंबारा |







कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें