वो मुझ से दूर जाना चाहते हैं
वो मुझ को भूल जाना चाहते हैं,
वो खुद से ही बहुत डरने लगे हैं,
वो मुझ से प्यार सा करने लगे हैं |
वो मेरे साथ रहना चाहते हैं
मुझे अपना बनाना चाहते हैं,
वो जब की हर हक़ीक़त जानते हैं,
मगर फिर भी ये हमसे माँगते हैं,
हमें हम से चुराना चाहते हैं |
वो कोयल की कुहुक सा बोलते हैं
मेरे अंतर में अमृत घोलते हैं,
मगर खुद जहर पीते जा रहे हैं,
वो खुद को यूँ मिटाता जा रहे हैं,
मुझे वो क्यों भुलाना चाहते हैं |
कभी कहते हैं , मुझे सब कुछ बता दो
तुम्हारे दिल में जो है, मुझे वो सब सुना दो,
कभी वो चुप कराना चाहते हैं,
बिना बोले सब कुछ बताना चाहते हैं |
मुझे भी खुद पे शक होने लगा है
मेरा भी दिल वहाँ खोने लगा है,
मैं उन की ही तरह होने लगा हूँ,
मैं उन के प्यार में खोने लगा हूँ |
राजीव जायसवाल
१०/०४/१०
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