मैने बोला
है शिकायत
मुझ को तुम से,
रोज जाता दर तुम्हारे,
पूजता तुम को,
तुम से करता हर फरियाद,
मगर
तुम तो हो पत्थर,
क्यों रखोगे याद
मेरी छोटी सी फरियाद,
जेब मेरी ,रोज खाली,
मेरी मेहनत और मजूरी
जितनी आती
उस से ज़्यादा
है चली जाती,
कुछ ना बचता पास मेरे,
लोगों की
नित दिन दीवाली,
जेब मेरी, रोज खाली|
जा ना आउँगा
मैं तेरे दर पे,
मुझे तू भुला है
तो मैं भी तुझ को
भूल जाउँगा |
मेरे बच्चे,
क्यों हुआ पागल,
ये कैसी बात करता है,
मैं कभी भुला किसी को,
जो तुझे मैं भूल जाउँगा ?
दीनबन्धु , नाम मेरा,
तू मेरा बंधु , सखा है,
माँगता तू रोज मुझ से
तुझ को पता क्या ?
कितने संकट थे
तेरे सर पे,
मैं जिन को अपने सर पे
झेल जाता हूँ,
पैसा - पैसा चीज़ क्या है
जब बनी थी
जान पर तेरी,
तेरे अपने थे संकट में,
हाथ अपना तुझ पे रख के
उन पे रख कर,
हर घड़ी तुझ को बचाया है
उन को बचाया है,
शुक्रिया की बात तो क्या,
तू सवाली
बन के आया है,
ले तू पैसा
दूँगा तुझ को
जितना चाहेगा,
मगर ये याद रखना
ना मैं आउँगा
कभी फिर पास तेरे
जो संकट तुझ पे आएगा |
दीनबन्धु, हे दयालु, हे कृपालु
कर क्षमा मुझ को,
तेरे उपकार सारे
भूल जाता हूँ,
मैं पागल हूँ
पैसा और पैसा
गाए जाता हूँ,
दिया जीवन
माता - पिता और भाई बंधु,
प्यारी सी पत्नी
जान से प्यारे ये बच्चे
मान - मर्यादा|
जितना आता है
चला जाता
तो क्या है,
तू ही देता
तू ही ले लेता है,
मेरा कुछ भी नहीं |
कर कृपा मुझ पे
तू मेरे संग साथ रहना
हर घड़ी,
इस पार भी, उस पार भी |
नयन जल से
मैं पखारु पाँव तेरे
कर क्षमा मुझ को
दयालु देव मेरे |
राजीव जायसवाल
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