रविवार, 7 अगस्त 2011

हम होते, बस हम ही होते |

हम होते बस

हम ही होते

हिंदू या मुस्लिम

ना होते

देश कोई हो

गाम कोई हो

नाम कोई हो

काम कोई हो

ब्राह्मण या पठान

ना होते

हम केवल बस

हम ही होते



मंदिर, मस्जिद

ठाकुरद्वारे

पूजा घर सारे के सारे

सब ही जाते

शीश नवाते

तेरे या मेरे ना होते

सब के साझे ही कहलाते |



सब त्योहार

सभी के होते

सब मिलजुल कर

खुशी मनाते

राम रामय्या

सब के होते

कृशन , कन्हय्या

सब के होते

धर्म ग्रंथ सब के

सब पढ़ते

पूजन विधि पर

नहीं झगड़ते

हम केवल

बस हम ही होते |



बात बात पर

तर्क ना होते,

मानस जात में

फ़र्क ना होते,

उँच ना होते

नीच ना होते,

गोरे , काले

मिल जुल रहते,

प्रांत ना होते

राष्ट्र ना होते,

जात पात के फ़र्क

ना होते,

मानव सभी

एक कहलाते,

हम बस केवल

हम ही होते,

हिंदू या मुस्लिम

ना होते |

राजीव जायसवाल

२७/१०/२०१०



|Hum hotey

Bas hum hi hotey

Hindu ya muslim

Na hotey

Nam koi ho

Kam koi ho

Desh koi ho

Gam koi ho

Brahman ya pathan

Na hote

Hum kewal

Bas hum hi hote.





Mandir, masjid

Thakurdware

Pujaghar

Sare ke sare

Sab ji jate

Sish nawate

Tere ya mere

Na hote

Sab ke sajhe

Hi kahlate

Hum kewal

Bus hum hi hotey.





Sab tyohar

Sabhi ke hotey

Sab miljul kar

Gale lagate

Ram rammiya

Sab ke hote

Krishan kanhaiyya

Sabhi ke hote

Dharamgranth

Sab ek hi padhte

Pujan vidhi par

Nahin jhagadte

Hum kewal

Bus hum hi hotey.



Bat bat par

Tark na hotey

Manas jat mein

Farq na hotey

Unch na hotey

Nich na hotey

Gore , kale

Mil jul rahte

Prant na hote

Rashtra na hote

Bhasaon ka

Fark na hota

Manav sabhi

Ek kahlate

Jat pat bandhan

Na hote

Hum kewal

Bus hum hi hote.



RAJIV JAYASWAL

31/08/2010

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