हम क्या हैं
अस्थि और माँस,
जिस में चलती
हर पल सांस,
हृदय धड़कता है
दिन रैन,
पलक झपकते हैं
दो नैन |
मनवा सोचे बारंबार
जीवन का अद्भुत व्यवहार ,
दो हाथों से
करते काम,
पैर चलत हैं
सुबह शाम |
हृदय स्थल में
बसते प्राण,
ध्वनि को सुनते
दो कान,
जिव्हा से
वाणी व्यवहार,
भाव, कामना
प्रेम, विचार,
इन सब का
मनवा आधार |
कैसा अद्भुत
मानव यंत्र,
अंधकूप होता निर्माण,
नौ माहों तक
चलता काम |
कौन बनाया
मानव यंत्र,
जिस में फूका
जीवन मंत्र,
सब अचरज का कारोबार ,
कौन रचियता
कौन कुम्हार,
सदियों से सब
करें विचार |
राजीव जायसवाल
१६/१२/२०१०
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