रक्त से सना हुआ है बुद्ध,
नग्न भग्न द्रोपदी रोती है,
राम यहाँ रावण से डरता है,
कितनी ही सीता खोती हैं,
मेरा देश महान |
मेरा देश महान
गाँधी का रक्त बिकता है,
हिंसा के प्यालों में,
यौवन का दर्प कहाँ,
तेज कहाँ,
ढलता है , यौवन मदिरालयों में,
मेरा देश महान |
मेरा देश महान
जर्जर देह
,
भूखा पेट
आतंकित जन
,
करते विद्रोह
प्रजातंत्र से हटता मोह
,
भ्रस्टाचारी करते राज
,
जनता के करते ना काज
,
गुणी जनो का ना सम्मान
,
मेरा देश महान |
मेरा आव्हान है युवा शक्ति को ------
तम दूर करो
दस्तक दो
भोर के दरवाजे पर
जीवन की माँग में
सिंदूर भरो |
आयु की सीमा को लाँघ
प्रश्न जटिल सुलझाओ
उलझन में उलझा है देश मेरा
सुलझाओ
उलझन को सुलझाओ |
लोहे सा बदन करो
कितने भी संकट हों
मन को मगन करो
देश मेरा
फिर से उठ सकता है
यत्न करो , यत्न करो |
गाँधी सा सोचो
तुम गाँधी बन जाओगे
दीप बनो ऐसे
जो तूफान में जलते है
खूब जलो, खूब जलो
अंधियारा दूर करो |
राजीव जायसवाल
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