शनिवार, 13 अगस्त 2011

मेरा देश महान |

मेरा देश महान

रक्त से सना हुआ है बुद्ध,

नग्न भग्न द्रोपदी रोती है,

राम यहाँ रावण से डरता है,

कितनी ही सीता खोती हैं,

मेरा देश महान |



मेरा देश महान

गाँधी का रक्त बिकता है,

हिंसा के प्यालों में,

यौवन का दर्प कहाँ,

तेज कहाँ,

ढलता है , यौवन मदिरालयों में,

मेरा देश महान |





मेरा देश महान

जर्जर देह

,

भूखा पेट

आतंकित जन

,

करते विद्रोह

प्रजातंत्र से हटता मोह

,

भ्रस्टाचारी करते राज

,

जनता के करते ना काज

,

गुणी जनो का ना सम्मान

,

मेरा देश महान |

मेरा आव्हान है युवा शक्ति को ------



तम दूर करो

दस्तक दो

भोर के दरवाजे पर

जीवन की माँग में

सिंदूर भरो |



आयु की सीमा को लाँघ

प्रश्न जटिल सुलझाओ

उलझन में उलझा है देश मेरा

सुलझाओ

उलझन को सुलझाओ |



लोहे सा बदन करो

कितने भी संकट हों

मन को मगन करो

देश मेरा

फिर से उठ सकता है

यत्न करो , यत्न करो |



गाँधी सा सोचो

तुम गाँधी बन जाओगे

दीप बनो ऐसे

जो तूफान में जलते है

खूब जलो, खूब जलो

अंधियारा दूर करो |

राजीव जायसवाल


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