शनिवार, 13 अगस्त 2011

बचपन |

जाने कहाँ गये वो दिन

पिता का गुस्सा मा का प्यार,

दादी का वो लाड़ दुलार,

दोस्त यार, बचपन के खेल,

कभी लड़ाई, कभी था मेल,

जाने कहाँ-----

घर, बगिया, मेहंदी का पेड़

आँगन में पत्तों का ढेर,

सावन में पेड़ों पर झूले,

ये सब बातें कैसे भूलें ,

जाने कहाँ------



राखी पर बहना का प्यार

मेघा रिमझिम, ठंडी बयार ,

गली , आँगन में सोते लोग,

मीलों तक फैले वो खेत,

पनघट पर पानी की धार,

गरम अंगीठी, धुआ सफेद,

जाने कहाँ-----



चाचा, चाची, रिश्तेदार

कितना सब करते थे प्यार,

बचपन जाने कहाँ छुपा,

ऐसा गया, ना कभी मिला,

कोई तो बचपन ढ़ूढ के ला,

मुँह माँगे पैसे ले जा,

जब से बचपन चला गया,

मेरा मन एक दिन ना लगा,

जाने कहाँ----

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