शुक्रवार, 12 अगस्त 2011
सुबह ज़रूर आएगी, सुबह का इंतज़ार कर |
होगा जो, सही होगा
लिखा जो, वही होगा
परेशान क्यों होता है
नींद क्यों अपनी खोता है |
अब जो है, उस को जी ले
जीवन की मदिरा पी ले
हर एक पल, एक जीवन है
जितना जिए, उतना कम है |
कल होगा क्या, इस से डरता है
मरने से पहले ही मरता है
कहदे खुद से, संगे खुदा है
सब का मालिक, एक पल ना जुदा है |
एक तू ही, अकेला ना परेशान
गर्दिश के थपेड़ों से,परेशान हर इंसान
तेरे तो गम कुछ भी नहीं
दुनिया के दुख देखेगा, हो जाएगा हैरान |
हर रात का ये मान ले, होता है सवेरा
अंधियारा बहुत घनघोर है, उजियारा भी होगा
खुद पर भी भरोसा जो हो, उस पर भी भरोसा
एक रोज तू जीतेगा, तू जी भर के जिएगा |
राजीव जायसवाल
२/०८/२०१०
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