शतुरमुर्ग सी टांग है
हाथी जैसे दाँत
लेकिन इन का
परिचय है
मिस्टर उमाकांत |
पढ़ते हैं नॉवेल ये
ज़ीरो ज़ीरो सेवेन
पर चूहे को देखकर होते
नाइन टू इलेवेन |
बच्चे इन से डरते हैं सब
क्रोध इन्हें आ जाए जब
शामत सब की आ जाती है
इन को शांत रखो रब |
यह कविता मैने छठी क्लास में लिखी थी जब मैं अर्वचिन स्कूल , दिल्ली में पढ़ता था |हमारी क्लास की टीचर उमा अरोड़ा जी थी, जिनसे हम सब बच्चे डरते थे और जो बहुत कड़क मिज़ाज़ थी |हमारे स्कूल की पत्रिका निकल रही थी, जिस के लिए हमको कविता या निबंध लिखने के लिए कहा गया, मुझे लगा की उमा जी से बदला लेने का यह अच्छा मौका है, सो मैने ये कविता लिख दी |इस को पढ़ने के बाद उमा जी ने मुझे अपने पास बुलाया और बड़े प्यार से पूछा की क्या यह कविता मैने उन पर लिखी है, मैं दर गया और मैने माफी माँगी लेकिन वो मुस्कुरा रही थी | मुझे नही पता की आज वे कहाँ पर हैं| मैं यह अपनी पहली कविता सम्मान के साथ उन को समर्पित करता हूँ |
राजीव जायसवाल
MY FIRST POEM
SHATURMURG SI TANG HAI
HATHI JAISE DANT
LEKIN INKA PARICHAY HAI
MR UMAKANT
PADHTE HAIN NOVEL YE
ZERO ZERO SEVEN
PAR CHUHE KO DEKH KAR
HOTE NINE TWO ELEVEN
BACHHE IN SE DARTE HAIN SAB
KRODH INHEIN AA JAYE JAB
SHAMAT SAB KI AA JATI HAI
IN KO SHANT RAKHO RAB .
I WROTE THIS POEM IN 6TH STANDARD, WHEN I WAS A STUDENT OF ARWACHIN SCHOOL DELHI. OUR CLASS TEACHER MS UMA ARORA WAS VERY STRICT . A SCHOOL MAGAZINE WAS GOING TO BE PUBLISHED AND WE WERE BEING ASKED TO GIVE ARTICLES FOR THAT , I THOUGHT THAT IT WAS A GOOD OPPORTUNITY TO EMBARASS HER AND I WROTE THESE LINES. AFTER READING THIS POEM SHE CALLED ME AND ASKED THE EXPLANATION. I BECAME SCARED AND APOLOGIZED BUT SHE WAS SMILING.
I DO NOT KNOW WHERE OUR MADAM IS NOW, BUT I DEDICATE THIS FIRST POEM OF MINE TO HER.
R J
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