ब्रह्म
ज्ञानी
सिम्ररे
दिन रैन
ब्रह्म
ज्ञानी
ब्रह्मा
का ज्ञान
ब्रह्म
ज्ञानी
मूंदत
नहीं नैन
ब्रह्म
ज्ञानी
जागृत
दिन रैन |
ब्रह्म
ज्ञानी
छोटे
से छोटा
ब्रह्म
ज्ञानी
मोहित
ना होता
ब्रह्म ज्ञानी
सुखिया
ना दुखिया
ब्रह्म
ज्ञानी
जागृत
ही सोता |
ब्रह्म
ज्ञानी
ना
मोह, ना माया
ब्रह्म
ज्ञानी
ना
दुख की छाया
ब्रह्म ज्ञानी
ना
क्रोध, ना लोभा
ब्रह्म
ज्ञानी
ना
भोग , ना धोखा |
--------------राजीव
--------------राजीव