शनिवार, 27 अप्रैल 2013

तू ही तू -तू ही तू |


हे प्रभु
सब जगह पर
तू ही तू - तू ही तू
यहाँ भी है 
वहाँ भी है ,
जहाँ देखा 
वहाँ भी है ,
तू ही तू -तू ही तू | 

कोई बोले
निज़ अहम् से
तू नहीं है ,
नहीं है तू |
कोई बोले ,
हर जगह तू ,
तू ही तू -तू ही तू |

जिस घड़ी
मूंदा नयन को
ध्यान धर
सिम्ररा प्रभु ,
मेरा अंतर
मुझ से बोला ,
हर हृदय में 
बसता तू ,
तू ही तू -तू ही तू |
राजीव 
27./04/2013
O GOD,
THY PRESENCE IS EVERYWHERE
HERE AND THERE
BUT NO ONE CARES
TO FEEL YOUR PRESENCE.
TO FEEL YOUR ESSENCE.

SOME DEFINE YOU AS UNDEFINABLE
SOME OTHERS TRY TO DEFY YOUR PRESENCE
IN THEIR ARROGANCE.

BUT O POWER GREAT
WHENEVER I MEDITATE
MY INNER VOICE TELLS
TO SEARCH MYSELF
TO FEEL YOUR PRESENCE
TO FEEL YOUR ESSENCE.

RAJIV JAYASWAL

शुक्रवार, 12 अप्रैल 2013

देखो देखो----------------------------


देखो देखो
मन को देखो
देखो देखो
तन को देखो
देखो
कोई विचार है क्या
देखो
कहीं , विकार है क्या
देखो
अंतर्मन को देखो |

देखो
धवल प्रकाश को देखो ,
देखो
नील आकाश को देखो ,
जल को देखो ,
थल को देखो  ,
देखो
हर स्थल को देखो |

देखो देखो
बचपन देखो ,
यौवन देखो ,
जीवन देखो ,  ,
देखो देखो
हर क्षण  देखो |

देखो
लाख सूर्य को  देखो ,
चंद्रमा देखो ,
तारे देखो   ,
देखो 
जग को सारे देखो |
देखो
देख देख ,
खो जाओ ,  ,
देखो 
ब्रह्म
ब्रह्म हो जाओ |

राजीव
12/04/2013