मुझे शिकायत है
प्रभ तुझ से
मुझ को रखता
वंचित धन से |
दुनिया की
हर रोज दीवाली
मेरी जेब
हर घड़ी खाली |
अभी बहुत से
काम पड़े हैं
बच्चे भी
हो रहे बड़े हैं
खर्चे ना हो पाते पूरे
रहते सारे काम अधूरे |
मेहनत कर
तेरा पैसा मेरे पास रहेगा
तेरी ज़रूरत , जितनी होगी
वही मिलेगा
बाकी मेरे पास रहेगा |
तू भोला है
सब खो देगा,
ना कुछ तेरे
पास बचेगा |
मेरे पास रहेगा
तो सब बचा रहेगा|
पहले भी तू गँवा चुका है
तेरा सारा काम रुका है,
पहले जो
मुझ को दे देता,
मैं तुझ को गिन गिन के देता |
तेरा पैसा कम ना होता
तुझ को उस पर
सूद भी देता |
हे माधव
गोबिंद, मुरारी
तेरी ही माया है सारी
क्या खोया था
क्या पाया है
जो कुछ मेरा
वो तेरा है |
मुझ को बस
वरदान यही दे
कभी थकू ना
दान यही दे |
तुझ को पता ज़रूरत मेरी
जो भी दे तू
इच्छा तेरी |
अपने चरणों की भक्ति दे
जीने की इच्छा शक्ति दे,
काम ग़लत कोई मुझ से ना हो
इतना बस वरदान मुझे दे,
निज भक्ति का
दान मुझे दे |
राजीव जायसवाल
१०/०९/२०१०
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