
सच नहीं कुछ भी
झूठ भी कुछ नहीं
पाप नहीं कुछ भी
पुण्य भी कुछ नहीं |
लोक नहीं कुछ भी
परलोक भी कुछ नहीं
स्वर्ग नहीं कुछ भी
नर्क भी कुछ नहीं |
विश्वास नहीं कुछ भी
संदेह भी कुछ नहीं
आकाश नहीं कुछ भी
धरा भी कुछ नहीं |
कुछ भी नहीं है , कुछ भी
सब कुछ भी, नहीं कुछ भी
इस पार नहीं कुछ भी
उस पार , कुछ नहीं |
कुछ है, तो मैं हूँ, वो है
कोई और ,कुछ नहीं
जब उस में खो गया मन
तो वो है, मैं नहीं |
राजीव जायसवाल
१८/०९/२०१०
मालिक, तेरी रज़ा रहे, और तू ही तू रहे, बाकी ना मैं रहूं, ना मेरी आरज़ू रहे |
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