शनिवार, 13 अगस्त 2011

तुम्हारे बिन |

किसी दिन आके देखो

मैं वही हूँ , आज भी,

सूरत बदल सी कुछ गयी है,

वही मंदिर, पुजारी भी वही है,

मूरत पुरानी , अब नही है|



तुम्हारे बिन

मैं कुछ दिन मर गया था,

मैं अपने आप से ही,

डर गया था,

अभी जिंदा हुआ हूँ,

अब ना मारो तुम,

ना इतने प्यार से,

मुझको पुकारो तुम |



तुम्हारे पास

मेरी कुछ अमानत,

रह गयी थी,

मेरी तस्वीर

तुम्हारे दिल में थी जो,

वहीं पर रह गयी थी,

बुरा था या भला

मैं जैसा भी था,

मुझको भुला दो तुम,

मेरी तस्वीर लौटा दो तुम |

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