शनिवार, 27 अगस्त 2011

तलाश

कभी कभी ऐसा भी होता है
वही मिल जाता है
जो बार बार खोता है,
किसी तलाश में
हम उम्र भर भटकते हैं,
खुशी समझ के
उदासी के जाम पीते हैं.
कभी किसी को
कभी किसी को
तलाश करते हैं
किसी जीवन की चाह में
ता उम्र मरते हैं |

ना सच में होता है कुछ
झूठ भी नही होता.
किसी का साथ कभी
साथ ही नही होता,
ना इसके होते हैं हम
ओर ना उसके होते हैं,
ना जाने किस तलाश में
सभी को खोते हैं |

कहीं भी कोई नही है
जो हम को जान सके.
किसी को वक़्त नही है
जो हम को थाम सके.
की जिस तलाश ने
कितनो से रिश्ते जोड़ दिए.
उसी तलाश ने
सब रिश्ते नाते तोड़ दिए |
राजीव जायसवाल

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