सोमवार, 22 अगस्त 2011

आओ करें |

प्रहार ही करना है

तो आओ करें

रूढियों पर, अंधविश्वासों पर

विषमताओं पर,

सदियों से चले आ रहे

मिथ्या विश्वासों पर |

अरे,एक दूसरे पर

सभ्यता के इस युग में

धर्म के नाम पर

आदिम जातियों के समान

प्रहार करने से

क्या तुम्हें मिल जाएगा

मार्ग धर्म का, समानता का |



प्रचार ही करना है

तो आओ करें

नैतिकता के विचारों का

समानता का, स्वतंत्रता का

ना की करें प्रलाप

अनगर्ल बकवासों का

मिथ्या विश्वासों का |



विचार ही करना है

तो आओ करें

बढ़ती जनसंख्या का

प्रदूषण का, महामारी का

क्यों घोलते हो

मन में जहर

अश्लील, सांप्रदायिक व घिनोनी

बातों का |



अनुकरण ही करना है

तो आओ करें

बुद्ध का, विवेकानंद का

महात्मा गाँधी का

क्यों बनाते हो आदर्श मन में

दुष्ट, पाखंडियों, वासना के मारों का

हत्यारों का |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें