रात भर जागने से
कभी जागरण नहीं होता
चीख कर भजने से
कभी जागरण नहीं होता
जागरण का अर्थ
जीवन समर में जागना है
जागरण का अर्थ
मन के भंवर में जागना है |
कहता है वो मिल अकेले में
ढूड्ता उस को तू मेले में
रात भर वो तकता तेरी बाट
तू जमाने को दिखाता ठाठ |
रात भर जागो ना जागो
भोर का उजियारा मन भर लो
ज्ञान का प्रसाद पाने को
अपनी झोली साफ तो कर लो |
जगराता मन का करो
प्रेम जीवन में भरो,
दीप, सूरज का है
नभ की थाली में,
आरती मन में करो
हर पहर जगराता करो |
राजीव जायसवाल
sunder
जवाब देंहटाएंbahut shukriya , Mansi ji.
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