उस क्यों भूला
जो सदा सहाइ,
उस क्यों भूला
जो पित, माता, भाई,
उस क्यों भूला
जो सदा ही देता,
उस क्यों भूला
जो कुछ ना लेता |
उस क्यों भूला
जो प्राण आधारा,
उस क्यों भूला
जो संग सहारा.
उस क्यों भूला
जो हर पल साथा,
उस क्यों भूला
जो अंग अंग व्यापा |
उस क्यों भूला
जिन गर्भ में पाला,
उस क्यों भूला
जिन जीवन डाला,
उस क्यों भूला
जो हृदय में धड़के,
उस क्यों भूला
जो नयन में फड़के |
उस क्यों भूला
जो जगत का स्वामी,
उस क्यों भूला
जो अंतर्यामी,
उस क्यों भूला
जो घट घट व्यापे,
उस क्यों भूला
जो दुर्गुण ढापे |
उस क्यों भूला
जो पल पल पाले,
उस क्यों भूला
जो सदा दयाले,
उस क्यों भूला
जो अगम, अगोचर,
उस क्यों भूला
जो सखा , सहोदर |
राजीव जायसवाल
०८/०४/२०११
जो दुख भंजन, प्राण आधारा
ते सिमरो मन, बारंबारा |
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