मंगलवार, 19 जुलाई 2011

वो मर के भी मुझे भूल नहीं पाते हैं |


वो मर के भी

मुझे भूल नहीं पाते हैं

किसी अंजान जगह से

मुझे वो बुलाते हैं

जीते जी कह ना पाए हाले दिल

अब जनाज़े से

हाल दिल का सुनाए जाते हैं

क्या ऐसा प्यार

कहीं देखा है

मरते मरते भी

वो मुझ पे मरे जाते हैं |



क्या पता

कौन सी दुनिया में

वो होंगे राजीव

मेरी दुनिया को

वो भूल नहीं पाते हैं |

मेरे आँसू ना बहें

इस की उन को

फ़िक्र बहुत

दूर जन्नत में भी

वो चैन नहीं पाते है |



उन की यादों का

जनाज़ा उठाए फिरते हैं

कभी रुमाल, कभी ख्याल

कभी सवाल उन का

दिल में लिए फिरते हैं |

जो पहले जानते

वो हमसे प्यार हैं करते

खुदा कसम है

हम उन को ना मरने देते |

राजीव जायसवाल

१७/११/२०१०

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