बुधवार, 13 जुलाई 2011

नेति नेति |


ना जनेऊ

ना केश

ना तिलक

ना भेष

ना टोपी

ना पग्ग

ना भस्म

ना राख |

ना मंदिर

ना ज्योत

ना पूजा

ना अज़ान

ना गीता

ना क़ुरान |

ना चिमटा

ना ढोल

ना कीर्तन

ना शोर

ना पंडित

ना पठान

ना हिंदू

ना मुसलमान |

ना पंथ

ना ग्रंथ

ना साधु

ना संत

ना पीर

ना मज़ार

ना मक्का

ना हरिद्वार

ना रोज़ा

ना उपवास |

ना संयम

ना सहवास

ना तीरथ

ना दान

ना गंगा स्नान |



सब जी का जंजाल

सब माया का जाल

मैं मानूं ना कोई

जो होना सो होई |



राजीव जायसवाल



२४/०६/२०११



एक पुरातन भारतीय मान्यता -नेति नेति के अनुसार सच कुछ भी नहीं है, सब मायाजाल है, सब जग रचना झूठ है |

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