बुधवार, 13 जुलाई 2011

सब विस्मय है |


सोना, जागना

चलना, फिरना

आना, जाना

खाना, पीना

मरना, जीना

मिलना, जुलना

हिलना ,डुलना

बातें करना

बातें सुनना

सपने बुनना

सब विस्मय है |



रात का होना

रात में सोना

दिवस का आना

दिवस का जाना

सूरज उगना

सूरज ढलना

चाँद चमकना

चाँद का छुपना

सब विस्मय है |



रूप सलोना

प्रीत का होना

प्रीत में खोना

हृदय धड़कना

नयन फड़कना

देह का सजना

देह का तजना

प्यार में जीना

प्यार में मरना

सब विस्मय है |



सुंदर चेहरे

गुँगे बहरे

अंधे काने

लंगडे लूले

मेघा काले

बाग में झूले

मोर का नर्तन

ख्वाब सुनहरे

सब विस्मय है |



भूख का लगना

भूख का भरना

प्यास का लगना

प्यास का बुझना

सांस का चलना

सांस का रुकना

गर्भ में आना

गर्भ से जाना

देह का सजना

देह का तजना

सब विस्मय है |



राजीव जायसवाल

१६/०६/२०११

दुनिया आनी जानी है, सकल जगत हैरानी है |

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