भावना को बहने देना |
भावना को बहने देना
रोकना मत
ये मौका फिर मिलेगा
ना मिलेगा
किस को पता |
माँ
के सीने से
लिपटना
दिल करे
तो मत झिझकना
फिर ये मौका
फिर मिलेगा
ना मिलेगा
कौन जाने |
पिता जी
के चरण छूना
मन करे
तो मत झिझकना
तीर्थ सारे
पूरे किए
या ना किए
कुछ गम नहीं
सब तीर्थों से
मा पिता के चरण भी
कुछ कम नहीं |
हैं अगर जीवित
माता पिता
तो मिलते रहना
सेवा करना
झिझकना मत
किसने देखे हैं प्रभु
हो देखने तुमको
इन हीं में देख लेना
ना रहे ये तो
जन्म भर
देखने को तरसना होगा
मगर ये ना मिलेंगे |
राजीव जायसवाल
०८/०७/२०११
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