आँख भर के
देख लें किस को
दूर है वो
था देखना जिसको |
आँख भर के
देख लो हम को
क्या पता
खो जाएँ
हम कल को |
आँख भर के
आँख में भर लो
कितने दिन
हम रहें
बिन घर के |
आँख भर के
ना हमें देखो
आँख भर आएगी
अपनी भी
जा ना पाएँगे
फिर कभी घर को |
आँख भर के
नीर बहने दो
सब हृदय की
पीर बहने दो |
आँख भर के
तुम को देखेंगे
आज जी भर
आँख सेकेंगे
कल कहाँ तुम हो
कहाँ हम हों
आज तुम हम को
हम तुम को देखेंगे |
राजीव जायसवाल
२४/०४/२०११
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