Rajiv Jayaswal
सोमवार, 25 जुलाई 2011
दोपहरी में |
चाँद छत पे निकल आया
दोपहरी में
चाँद तुम से मिलने आया
दोपहरी में
चाँद, सूरज से भी लड़ बैठा
दोपहरी में
चाँदनी सारी लुटा बैठा
दोपहरी में |
चाँद , खुद को ही तपा बैठा
दोपहरी में
चाँद ,बस तुम से मिलने आया
दोपहरी में
चाँद, सूरज ना समझ लेना
दोपहरी में|
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