मंगलवार, 12 जुलाई 2011

सोच लो जाने से पहले एक बार


सोच लो

जाने से पहले एक बार

क्या मुझे करती हो प्यार

सोच लो

फिर एक बार

सब मिलेंगे

मैं ना मिलूँगा

वहाँ पर

रह सकोगी

मेरे बिन क्या

सोच लो

फिर एक बार |



भोर होगी

दिन भी होगा

रात होगी

तुम ना होगी

बस तुम्हारी बात होगी

बाग होंगे

फूल होंगे

पर तुम्हारे बिन

मुझे वो फूल नहीं

शूल होंगे |



देख लो

तुम बिन

अधूरा मैं रहूँगा

मेरे बिन

अधूरी तुम रहोगी

जमाने के सितम

तुम मेरे बिन

कैसे सहोगी

सोच लो

फिर एक बार

जाने से पहले |



राजीव जायसवाल

३०/०६/२०११



































5 टिप्‍पणियां:

  1. भावों की सुन्दर प्रस्तुति ....

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  2. achchi soch liye bhavon ki sunder prastuti.badhaai aapko.

    / ब्लोगर्स मीट वीकली (३) में सभी ब्लोगर्स को एक ही मंच पर जोड़ने का प्रयास किया गया है / आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/ हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। सोमवार ०८/०८/११ कोब्लॉगर्स मीट वीकली (3) Happy Friendship Day में आप आमंत्रित हैं /

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