रविवार, 17 जुलाई 2011

जिंदगी फानी है |


सब कहते
सच नहीं
जिंदगी फानी है
सब कहते
कुछ डरो
एक दिन आनी है |

फानी है
तो फानी है
क्या करना है
मरने से पहले
सोच क्यों मरना है |

सब कहते
जग सपना है
ना अपना है
सब कहते
जग तृष्णा ने
ना मिटना है |

सपना है
तो सपना
बहुत सुहाना है
तृष्णा है तो
इस को किसे बुझाना है |

सब कहते
जग माया
खेल खिलोना है
सब कहते
इस काया को
जल जाना है |

माया है
तो माया में
सुख पाना है
जलना है
तो जल कर
नव तन पाना है |

राजीव जायसवाल
१७/०७/२०११

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