सोमवार, 25 जुलाई 2011

दोपहरी में |


चाँद छत पे निकल आया

दोपहरी में

चाँद तुम से मिलने आया

दोपहरी में

चाँद, सूरज से भी लड़ बैठा

दोपहरी में

चाँदनी सारी लुटा बैठा

दोपहरी में |



चाँद , खुद को ही तपा बैठा

दोपहरी में

चाँद ,बस तुम से मिलने आया

दोपहरी में

चाँद, सूरज ना समझ लेना

दोपहरी में|



























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