
मैं भी छोटा था कभी ,
कर आँख बंद
सारे दिन सोता था ,
रातों को रोता था,
माँ का दुलारा था,
पिता का प्यारा था,
मैं भी छोटा था कभी |
रूई सा हल्का था
मोम सा मुलायम था
पालने में सोता था
गोदी लो, रोता था
दादी का प्यारा था
दादा का दुलारा था
मैं भी छोटा था कभी |
अब कुछ भी याद नहीं
जैसे मैं था ही नहीं
सब कुछ ही बदल गया
सब कुछ ही नया नया
दादी भी कहीं नहीं
दादा भी नहीं कहीं
फिर भी ये सुनो सभी
मैं भी छोटा था कभी |
राजीव जायसवाल
२३/०७/२०११
१०.०० रात्रि
मेरा भी नन्हा सा बचपन था कभी,
जवाब देंहटाएंरोता था कभी, हँसता था कभी,
माँ का आँचल था कभी,पिता का साया था कभी,
प्यार की बरसात थी कभी,मीठी सी झिडकी थी कभी,
अब ढूँढती हूँ में उन पलों को अपने जीवन में,
जो बीती है घडी ,क्या फिर वो लौट आएगी कभी..........