Rajiv Jayaswal
रविवार, 9 सितंबर 2012
तुम ने मुझ को छला |
तुम ने
मुझ को छला
मैंने
तुम्हारी याद के
हर पृष्ट को
दिया जला
|
अब कौन तुम
मुझ को पता क्या
हो अजनबी
जैसे कभी
न थी मिली
|
था दोष मेरा
या तुम्हारा
किस को पता
शायद रहा हो
भाग्य का
जो साथ
तेरा न मिला
|
राजीव
०८/०९/२०१२
1 टिप्पणी:
suman.renu
9 सितंबर 2012 को 11:13 am बजे
sunder aur saral man ko choone walee rachna
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