सब रोते हैं
सब हंसते हैं
सब सोते हैं
सब थकते हैं
सब खाते हैं
सब पीते हैं
जब तक दम हो
सब जीते हैं |
माँ के गर्भ से
सब आते हैं
गोद में रोते
सो जाते हैं
गिरते पड़ते
चल पाते हैं |
सब पढ़ते हैं
सब लिखते हैं
चलते फिरते
सब दिखते हैं |
जो सब में है
वो ही मुझ में
जो मुझ में है
वो ही सब में
मैं सब में हूँ
सब हैं मुझ में |
राजीव
26/11/2011
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सब हंसते हैं
सब सोते हैं
सब थकते हैं
सब खाते हैं
सब पीते हैं
जब तक दम हो
सब जीते हैं |
माँ के गर्भ से
सब आते हैं
गोद में रोते
सो जाते हैं
गिरते पड़ते
चल पाते हैं |
सब पढ़ते हैं
सब लिखते हैं
चलते फिरते
सब दिखते हैं |
जो सब में है
वो ही मुझ में
जो मुझ में है
वो ही सब में
मैं सब में हूँ
सब हैं मुझ में |
राजीव
26/11/2011
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जो मुझ में है
जवाब देंहटाएंवो ही सब में
मैं सब में हूँ
सब हैं मुझ में |
सुन्दर अभिव्यक्ति ..