गुरुवार, 5 जनवरी 2012

सुन रे मन ,अब मेरी सुन |

मेरे मन सुन
अब मेरी सुन |
जब से होश संभाला मैने
तेरी बक बक
रहा हूँ सुन
सुन ले
अब ना और सुनूँगा
अब तू मेरी
बातें सुन |

मेरे मन सुन
सुन झरने की
झर झर सुन
सुन , सागर का
गर्जन सुन
सुन ,कलियों का
गायन सुन
सुन ,इंद्रधनुष का
वंदन सुन |

चुप हो
एक पल तो
चुप हो
तेरी बक बक
ना रहा मैं सुन
सुन रे मन
अब मेरी सुन |

राजीव
०५/०१/२०१२

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