आज भी
कल की तरह बीत गई ,
कल की तरह बीत गई ,
बिन बोले बात कोई
बिन बोले राज कोई |
वैसे थे लोग कई
न उन को मैं जानूँ ,
न मुझ को वे जानें ,
शक्लें थी कितनी अनजानी सी |
मौसम कुछ गर्म रहा
कल से भी ,
प्यास लगी
बुझ न सकी जल से भी |
आज भी सूरज उगा
आज भी सूरज उगा
धूप खिली आज भी ,
आज भी पैदा हुए ,
कुछ लोग मरे आज भी |
आज भी
आज भी
मन न जगा ,
माया में खोया रहा ,
जो जरुरी काम था
वो कर न सका
आज भी |
राजीव
०८/०५/२०१२
राजीव
०८/०५/२०१२
जागो रे जिन जागना
अब जागन की बार
फिर क्या जागे नानका
जब छोड़ चला संसार |
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