Rajiv Jayaswal
सोमवार, 17 अक्टूबर 2011
शरद पूनम की रात |
शरद पूनम की रात
तुम्हारा साथ
ना मिला था,
आज साथ मिला
हाथ में हाथ मिला
आज की रात
कितनी अंधेरी हो
लेकिन तुम मेरी हो
रात आज
मेरे लिए
शरद पूनम की रात है |
राजीव
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1 टिप्पणी:
रेखा
19 अक्टूबर 2011 को 4:05 am बजे
वाह ...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
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