रविवार, 23 अक्टूबर 2011

मैं तेरी गोद में हूँ |

बहुत से लोग हैं
इस दुनिया में
बहुत हसीन
बहुत ज़हीन
बहुत कमसिन
और जाने क्या नहीं
एक हम हैं
नहीं, कुछ भी नहीं
ना ज़हीन
ना हसीन
ना कमसिन
ना हमारा कोई नाम
ना हम ने किया कोई काम

ना ही पाया हम ने
कोई मुकाम
ना ही हम
बन सके महान
ना ही बना सके
बड़े बड़े मकान
क्या किया हम ने
क्यों जन्म लिया हम ने |

बता दे मेरे प्रभु
क्यों किया ऐसा
ना रूप, ना रंग, ना रुपया, ना पैसा
क्यों किया ऐसा
बता ना
क्यों किया ऐसा |

सुन मेरे बच्चे
तू कैसी बात करता है
दिए माता, पिता
भाई, बंधु
प्यारी सी पत्नी
फूल से बच्चे
दोस्त , साथी
मान मर्यादा
कितना कुछ
तुझ को दिया
फिर भी शिकायत
मुझ से करता है
याद रख
सब को सभी कुछ
तो नहीं मिलता |

किसी को रूप मिलता
माता, पिता का सुख नहीं मिलता
किसी को पैसा मिलता
भोगने का सुख नहीं मिलता
किसी को नाम मिलता
दुख में कोई साथ खड़ा इंसान नहीं मिलता

कर क्षमा
मेरे प्रभु
उपकार तेरे भूल जाता हूँ
मैं पागल हूँ
नाम, रूप , रुपया
गाए जाता हूँ |

जो दिया
अच्छा दिया
वो ही दिया
मैं जिस के काबिल था


मैं तेरी गोद में हूँ
हे प्रभु
तू मेरा माता पिता है
संग साथी है
फिर मुझे परवाह क्या
शुक्रिया तेरा
हे प्रभु शुक्रिया |

राजीव

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