आज फिर याद आए तुम |
आज
फिर याद आए तुम
आज
फिर हम हुए गुमसुम
आज
फिर है उदासी सी
आज
फिर नज़र प्यासी सी |
आज
फिर दर्दे दिल जागा
आज
फिर मिलन की आशा
आज
फिर घटा सी छाई
आज
फिर उन की याद आई |
आज
आ जाओ कैसे भी
अब ना
तरसाओ ऐसे भी |
भूल कर
पिछली सब बातें
साथ बीतें
अब सब रातें |
राजीव
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ....
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