कभी
तुम बिन
एक पल
युगों सा था ,
अब तो
हर पल ,
तुम्हारे बिन
गुजरता है |
युग बीते
तुम मिलें नहीं
फिर भी हम को
गिले नहीं ,
अपनों से क्या गिला करें
ना मिलना
ना मिला करें |
अब हम
तुम को
भूल गए ,
तुम भी हम से
दूर गए ,
पास कभी
अब मत आना ,
चेहरा अब दिखलाना ना ,
बड़े यतन से भूलें हम ,
फिर से ना सम्भ्लेगा मन |
----------------राजीव
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