शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

तुम ही मेरी |

तुम ही मेरी
सुरा औ साकी
तुम ही मेरी
मदिरा  प्याला
तुम मेरी
 मधु मधुशाला
तुम ही
मय की  हाला हो |

तुम ही मेरी
प्रणय देविका
तुम  ही मेरी
प्रीत चंद्रिका
तुम ही मेरी
नयन ज्योतिका |
तुम ही
ज्योति उजाला हो |

तुम ही मेरी
प्रेम प्रेरणा
तुम ही मेरी
प्रणय कामना
तुम ही मेरी
भाव भावना
तुम ही
काम की ज्वाला हो| |

राजीव
२०/०९/२०११



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